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बांग्लादेश के राजनीतिक संकट को शांत करने में जुटे यूनुस: भारत की पैनी नजर

Source MoneyControl

बांग्लादेश के राजनीतिक माहौल में जारी अस्थिरता और तनाव के बीच, प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रमुख सलाहकार और प्रभावशाली राजनेता यूनुस अहम भूमिका निभा रहे हैं। देश में हाल के महीनों में विपक्षी दलों और सरकार के बीच बढ़ते संघर्ष ने राजनीतिक संकट को गहरा दिया है, जिससे सामाजिक और आर्थिक क्षेत्र भी प्रभावित हो रहे हैं। ऐसे समय में, भारत इस स्थिति पर गहरी नजर बनाए हुए है, क्योंकि बांग्लादेश का स्थिर और शांतिपूर्ण वातावरण दोनों देशों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

यूनुस, जो शेख हसीना के विश्वासपात्र माने जाते हैं, का कार्य राजनीतिक मतभेदों को कम करना और संवाद स्थापित करना है। उनका मानना है कि बांग्लादेश के लोकतांत्रिक ढांचे को मज़बूत करने के लिए सभी पक्षों को मिलकर काम करना होगा। उन्होंने हाल ही में कई विपक्षी नेताओं से मुलाकात की है और देश की स्थिरता के लिए साझा समझौते की दिशा में पहल की है।

राजनीतिक संकट के कारण देश में विरोध प्रदर्शन और हड़तालें बढ़ी हैं, जिनमें कई बार हिंसक झड़पें भी हुई हैं। इसके परिणामस्वरूप आम जनता की जीवनशैली प्रभावित हो रही है, और विदेशी निवेशक भी इस अस्थिरता को लेकर चिंतित हैं। ऐसे में यूनुस का प्रयास है कि राजनीतिक संवाद को पुनः शुरू कर विपक्ष को सरकार के साथ बातचीत के लिए प्रेरित किया जाए।

भारत की नजर क्यों है इस पर?

भारत के लिए बांग्लादेश की स्थिरता एक प्राथमिकता है। दोनों देशों के बीच सीमा, व्यापार और ऊर्जा जैसे कई महत्वपूर्ण मुद्दे जुड़े हैं। राजनीतिक अस्थिरता से सीमा पार अपराध, तस्करी और आतंकवाद जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं, जो भारत के लिए गंभीर खतरा हैं। इसके अलावा, भारत दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय स्थिरता और सहयोग को बढ़ावा देना चाहता है, जिसमें बांग्लादेश का शांतिपूर्ण और प्रगतिशील होना आवश्यक है।

भारत ने अपनी नीति में स्पष्ट किया है कि वह बांग्लादेश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेगा, लेकिन स्थिति पर करीब से नजर रखेगा। दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संवाद नियमित रूप से होता रहता है, और भारत बांग्लादेश के विकास में निवेश भी करता है। राजनीतिक तनाव बढ़ने से यह सहयोग प्रभावित हो सकता है, इसलिए भारत के लिए यह जरूरी है कि वह स्थिति को समझे और जरूरत पड़ने पर मदद के लिए तैयार रहे।

यूनुस की भूमिका इसलिए महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि वे दोनों देशों के बीच विश्वास का पुल हैं। वे बांग्लादेश के आंतरिक शांति के लिए काम करते हुए भारत के साथ भी समन्वय बनाए रखना चाहते हैं। उनके प्रयासों से यदि राजनीतिक संकट कम होता है, तो इससे क्षेत्रीय सहयोग को भी मजबूती मिलेगी।

निष्कर्ष

बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिरता न केवल देश के लिए, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया क्षेत्र के लिए भी आवश्यक है। यूनुस का शांतिपूर्ण समाधान खोजने का प्रयास सराहनीय है, और भारत की नजरें इस प्रक्रिया पर बनी हुई हैं। आने वाले समय में यह देखना होगा कि यह राजनीतिक तूफान किस हद तक शांत हो पाता है और क्षेत्रीय सहयोग को कितना फायदा होता है।

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