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कीव। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने गुरुवार को संकेत दिया कि रूस के साथ चल रहे युद्ध के समाप्त होने के बाद वे राष्ट्रपति पद छोड़ने के लिए तैयार हैं। ज़ेलेंस्की ने कहा कि उनका “मुख्य लक्ष्य इस संघर्ष को खत्म करना और अपने देश में शांति बहाल करना” है। यह बयान ऐसे समय पर आया है जब यूक्रेन-रूस युद्ध तीसरे वर्ष में प्रवेश कर चुका है और दोनों देशों के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है।
ज़ेलेंस्की ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया से बातचीत में कहा, “मेरा मकसद सत्ता में टिके रहना नहीं है। मेरा असली लक्ष्य युद्ध को खत्म करना है। जब यह युद्ध समाप्त होगा, तब मैं भी राष्ट्रपति पद छोड़ने के लिए तैयार रहूँगा।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी प्राथमिकता यूक्रेन की स्वतंत्रता और सुरक्षा है, न कि व्यक्तिगत राजनीतिक भविष्य।
2019 में कॉमेडियन और टेलीविज़न स्टार से राजनीति में आए ज़ेलेंस्की ने अप्रत्याशित जीत दर्ज कर राष्ट्रपति पद संभाला था। उनके नेतृत्व में यूक्रेन ने रूस के खिलाफ मज़बूती से डटकर मुकाबला किया है। पश्चिमी देशों से सैन्य और आर्थिक सहयोग जुटाने में भी उनकी अहम भूमिका रही है। लेकिन लंबे समय से चल रहा युद्ध देश की अर्थव्यवस्था और जनता पर भारी बोझ डाल रहा है।
विश्लेषकों का मानना है कि ज़ेलेंस्की का यह बयान यूक्रेनी जनता और अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों को यह संदेश देने की कोशिश है कि वे व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा से नहीं बल्कि राष्ट्रीय हित से प्रेरित हैं। युद्ध में लगातार नुक़सान और थकान झेल रही जनता के लिए यह संकेत भी राहतकारी हो सकता है कि युद्ध समाप्ति के बाद राजनीतिक परिवर्तन संभव है।
रूस और यूक्रेन के बीच शांति वार्ता लंबे समय से ठप पड़ी है। रूस क्रीमिया और डोनबास क्षेत्र पर अपने नियंत्रण को बरक़रार रखना चाहता है, जबकि यूक्रेन अपनी सम्प्रभुता और सीमाओं की पुनर्स्थापना पर अड़ा हुआ है। पश्चिमी देशों के दबाव के बावजूद अब तक कोई ठोस समाधान सामने नहीं आया है।
ज़ेलेंस्की के बयान से यह भी स्पष्ट है कि वे किसी “अनिश्चितकालीन सत्ता” की छवि से बचना चाहते हैं। उन्होंने दोहराया कि उनके लिए सबसे अहम बात युद्ध का अंत और देश का पुनर्निर्माण है।
जैसे-जैसे युद्ध की मार से यूक्रेन जूझ रहा है, यह बयान अंतरराष्ट्रीय राजनीति और भविष्य की शांति वार्ताओं पर गहरा असर डाल सकता है। अब यह देखना होगा कि रूस और पश्चिमी देश इस संकेत को कैसे लेते हैं और आने वाले महीनों में युद्ध को समाप्त करने की दिशा में कोई ठोस पहल होती है या नहीं।
